सी.एन. कोठारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर व्यारा, कालिदास अस्पताल ने ट्रस्टी सदस्यों, शिक्षण स्टाफ, गैर-शिक्षण स्टाफ, अस्पताल स्टाफ और विद्यार्थियों के साथ भारत का 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया।
अभियान के एक हिस्से के रूप में सभी विद्यार्थियों और कर्मचारियों को 13 से 15 अगस्त 2024 के दौरान अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया गया। स्वतंत्रता दिवस के दिन अस्पताल के स्टोर कीपर श्री राजेंद्रभाई कोकजे के पवित्र हाथों से ध्वज फहराया गया। उन्होंने अपने भाषण में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। कॉलेज के शैक्षणिक प्रमुख डॉ. भाविन मोदी ने अपने भाषण में पेरिस ओलंपिक 2024 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राष्ट्र के असली नायकों को याद किया और विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न एथलेटिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए कॉलेजसे भेजे जाने वाले खिलाड़ियों को प्रेरित किया। कॉलेज की छात्रा सुश्री जिज्ञासा अहिरे ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। प्रथम बीएचएमएस की छात्रा सुश्री ध्रुवी रोहित ने मुख्य अतिथि को ध्वजारोहण के लिए निर्देशित किया। उसके बाद चतुर्थ बीएचएमएस के छात्र श्री इमरान पठान ने देशभक्ति पर शायरी सुनाई। कार्यक्रम के अंत में सभी को मिठाई खिलाई गई। कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. (श्रीमती) ज्योति आर. राव के मार्गदर्शन में डॉ. ध्रुनी गवली और उनकी टीम के संयुक्त प्रयासों से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
अब कुछ बात करते हैं होम्योपैथ की,
सवाल ये है कि होम्योपैथ कैसे होते हैं,
मतलब ये कि
हर रोते हुए की दवा Pulsatilla नहीं होती,
हर मस्से की दवा Thuja नहीं होती,
हर शायर Antim crud नहीं होते,
हर अंतर्मुखी Natrum mur नहीं होते,
हर बहिर्मुखी Phosphorus नहीं होते,
हर अहंकारी व्यक्ति Sulphur या Platina नहीं होते,
कुछ निर्भर करता है वह उनकी वैयक्तिकता पर,
तो कुछ भूमिका अनुकूलन के भी होते हैं..
तो जवाब हम हैनीमैन से पूछते हैं चिकित्सक कैसे होते हैं..??
जवाब आता हे कि..
Aphorism-6 जैसे होते हे,
Aphorism-6 जैसे होते हे..!!
क्या आज़ादी के मौके पर हम सोच को भी थोड़ा आज़ाद करे,
होम्योपैथी जैसे आगे आये,
कुछ ऐसा हम भी काम करे,
कुछ ऐसा हम भी काम करे..!!